मलिहाबाद, भारत के सबसे अधिक जनसंख्या वाले राज्य, उत्तर प्रदेश कि राजधानी लखनऊ का एक छोटा सा कस्बा है, जो विभिन्न प्रकार की आम की किस्म के लिए विश्व प्रसिद्ध है| अक्सर सभी लोग जानना चाहते हैं कि मलिहाबाद के आम क्यों प्रसिद्ध हैं, और क्या, खासियत है? जहां कहीं भी आम कि बात हो और मलिहाबादी आम का जिक्र न ऐसा हो ही नहीं सकता, मलिहाबादी आम अपने स्वादिष्ट, मिठास, उत्तम सुगंध और अद्भुत स्वाद के किए ही विश्व प्रसिद्ध है| मलिहाबादी आम सिर्फ एक फल नहीं है, बल्कि यह तो भारतीय विरासत और भारतीय संस्कृतीय कि एक महत्वपूर्ण धरोहर है|
1. मलिहाबाद के आम कि खेती से जुड़े रहस्य और इतिहास, विस्तार से
मलिहाबादी आम की कहानियाँ सदियों से चली या रही है, और यह सदियों पुरानी भी है| कहा जाता है कि, मलिहाबाद मे आम कि खेती (बागवानी) मुगल काल से शुरू हुई थी| क्योंकि मुग़ल सम्राटों को आम बहुत पसंद थे, और आमों से बहुत लगाव भी था| इसी लगाव और प्रेम के कारण मलिहाबाद मे आम कि खेती शुरू कि गई, जसमे आम कि बगीचों कि स्थापना की गई| कहते है कि समय के अनुसार मलिहाबाद के किसानों ने आम की खेती (बागवानी) मे महारथ हासिल कर ली और यहाँ के आम की सुंदरता और गुणवत्ता ने देश और दुनिया मे अपना नाम विख्यात कर लिया|
मुख्य रूप से मलिहाबाद का दशहरी आम बहुत मशहूर है| इसका नाम दशहरी गाँव के नाम पर रक्खा गया है| यह गाँव लखनऊ, हरदोई रोड पर स्थित है| कहते हैं कि, यंहा से ही इसकी उत्पत्ति हुई है| इस आम कि खास बात यह कि इसके छिलके बहुत पतले, मीठे रस और मनमोहक सुगंध मानी जाती है| जो इस आम को एक बारत चख लेता है उसकी यादों मे यह स्वाद बस जाता है|
2. मलिहाबादी आम का स्वाद, विविधता और प्रसिद्ध होने का कारण
मलिहाबादी आम कि सबसे बड़ी विशेषता इसका कभी न भूलने वाला स्वाद ही है| मलिहाबादी आम का रस बहुत ही मीठा और स्वादिष्ट होता है, इसका रस पीते ही अद्भुत ताजगी का एहसास होता है| लोग तो कहते हैं कि, इस आम को सूंघते ही मन प्रफुल्लित हो उठता है| इस आम कि सुगंध और स्वाद ने ही इसे विश्व मे प्रसिद्ध कर दिया है| तरह – तरह आम की किस्म मलिहाबाद मे ही पाई जाती हैं, इसी कारण मलिहाबाद भी बहुत प्रसिद्ध हो चूकें है|
3. मलिहाबादी आम कि किस्में
मलिहाबाद मे आम की विभिन्न किस्में देखने को मिलती हैं| जिनमे मुख्य रूप से दशहरी, लगड़ा,चौसा, आम्रपाली, तुकमी और सफेदा जिसे लखनउआ के नाम से जाना जाता है| मलिहाबाद के किसान एक ही पेड़ मे कलम बना कर लगभग 40 किस्म के आम तैयार कर सकते है, वो भी सिर्फ एक ही पेड़ मे| ये जीतने भी किस्म के आम हैं, इनकी अपनी एक अलग विशेषता है| हालांकि ये सभी आम बहुत ही स्वादिष्ट हैं, पर दशहरी आम का मुकाबला कोई नहीं हैं| दशहरी आम न केवल स्वादिष्ट और मीठा बल्कि इसका रंग और आकार इसे सबसे अलग पहचान देता है| यह काफी हल्का, हरा और पकने के बाद इसका रंग पीला हो जाता है|
4. मलिहाबादी आम कि मांग, व्यापार और महत्व कि गुणवत्ता
मलिहाबादी आम सिर्फ भारत मे ही नहीं, बल्कि देश विदेश मे निर्यात किए जाते हैं| यूरोप, अमेरिका, रूस और मध्य पूर्व के देशों मे इसकी बहुत भारी मात्रा मे मांग है| मलिहाबादी आम भारतीय व्यापार का एक बहुत ही महत्वपूर्ण हिस्सा है| वर्षों से यह व्यापार चल या रहा है, मलिहाबादी आम हर साल लाखों टन के हिसाब से देश विदेश मे निर्यात किए जाते हैं| मलिहाबादी आम से भारत कि अर्थव्यवस्था पर बहुत फायदा होता है|
5. मलिहाबादी आम और किसान और आम से लगाव
ये सच है कि, मलिहाबाद के किसानों का आम कि खेती (बागवानी) से जीवन यापन का बहुत बड़ा स्रोत है| और उनके जीवन का बहुत ही यहां हिस्सा है| आम कि फसल का समय मलिहाबाद मे मई, जून, जुलाई मुख्यता है, इस समय मलिहाबाद का माहौल बहुत अलग होता है| यंहा के किसान आम कि फसल के लिए पूरे साल बहुत मेहनत करते हैं, और जब आम की फसल तैयार होती है तो पूरे मलिहाबाद और आस – पास के क्षेत्र मे भरपूर उत्सव जैसा माहौल होता है| आम कि फसल के समय लगभग सभी के घरों मे कुछ करीबी और दूर-दराज के भी मेहमान आते जाते हैं, और आम का भरपूर लुत्फ उठाते हैं, साथ – साथ मे आम कि फसल को तुड़वाने, बाजार तक पहुचाने मे मदद भी करते हैं| और किसानों के घरों मे एकदम खुशहाली का माहौल होता है| जो किसी और जगह मिल ही नहीं सकता| आम की फसल के समय बगीचों मे किसान चारपाई(खटिया) या अपने प्रबंध के अनुसार व्यवस्था करता है| आम की फसल के समय बागों मे एकदम आनंद का माहौल होता है|
6. मलिहाबादी आम की बागवानी मे चुनौतियाँ और भविष्य के बारे मे
मलिहाबादी आम के समय कठिनाई भरी चुनौतियाँ भी हैं, जैसे कि जलवायु मे परिवर्तन, समय पर बारिश न होना, कीटों कि समस्या, अधिक कीटनाशक के प्रयोग से फसल बहुत प्रभावित हो जाती है| अब बाजार मे भी बहुत उतार- चढ़ाव होता रहता है, जिससे किसानों को कभी कभी उचित मूल्य नहीं मिल पाता है| लेकिन मलिहाबद के किसान भी पीछे नहीं हटने वाले, उन्होंने समय के साथ अपने पारंपरिक ज्ञान और मेहनत से नई तकनीकों का भी इस्तेमाल किया करते हैं, और इन सभी चुनौतियों का सामना कर रहे हैं| पहले कृषि विभाग लेना पड़ता था, परंतु अब किसान खुद इतना सजग हो गए है कि किसानों ने सीखना शुरू कर दिया है| सरकार भी कुछ मदद कर रही है किसानों को बढ़ावा देने के लिए| सरकार अपनी विभिन्न योजनाओं से किसानों को सहायता प्रदान कर रही है|
निष्कर्ष
मलिहाबादी आम न सिर्फ एक फल है, बल्कि यह भारतीय संस्कृति, भारतीय परंपरा और भारतीय विरासत का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है| इस आम के स्वाद, सुगंध, सुंदरता और मिठास ने सारी दुनिया मे एक अलग पहचान बनाई है| मलिहाबादी आम कि मिठास से हम सीख सकते हैं, कि जब हम मेहनत और पूरी लग्न के साथ अपना काम करेंगे, तो उसकी सफलता कि मिठास भी उतनी ही मूल्यवान और अनमोल होती है|
इसलिए आप भी जब मलिहाबादी आम का स्वाद लें, तो इसे सिर्फ एक फल के रूप मे नहीं बल्कि भारतीय संस्कृति और परंपरा समझकर आनंद उठाए, और मलिहाबादी आम, मलिहाबादी तहज़ीब, मलिहाबाद के किसानों का सम्मान अवश्य करें| धन्यवाद !
I love malihabad
Bahut achhi jankari
Nice